-डॉ. रंजना जायसवाल
पुरुष कंजूस होते हैं
सही सुना आपने
पुरुष कंजूस होते हैं
खर्च नहीं करते
वो यूँ ही बेवजह
अपने आँसुओं को
क्योंकि उन्हें बताया जाता है
बचपन से
तुम मर्द हो
और मर्द को कभी दर्द नहीं होता
वे खर्च नहीं करते
अपने जज़्बातों को
क्योंकि उन्हें सिखाया जाता है
तुम कमज़ोर नहीं हो
क्योंकि ये काम है औरतों का
वे टूट नहीं सकते
ज़िंदगी की जदोजहद से
क्योंकि उन्हें सिखाया जाता है
ये काम है कायरों का
सहेज लेते हैं
वो अपनी आँखों में
छिपा देते हैं मन की किसी दराजों में
क्योंकि वे बेवजह खर्च नहीं करते
अपने अहसासों को
सचमुच… पुरूष बहुत कंजूस होते हैं।
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