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कर नवसर्जन

-डॉ. अनिल शर्मा ‘अनिल’

हे युवाशक्ति! दिग्भ्रमित न हो,

निज लक्ष्य तुम्हीं को है पाना।

कभी थको नहीं,कभी रुको नहीं,

तुमको आगे बढ़ते जाना।।

बाधाएँ  प्रगति के पथ से,

तुमको हर पल भटकाएँगी।

कोई सरल मार्ग प्रलोभन दे,

पथ भ्रष्ट तुम्हें कर जाएगी।।

बस इसी चाल से बच रहना

निज लक्ष्य एक दिन पाओगे।

अपनी श्रम शक्ति के बल पर,

जग में पहचाने जाओगे।‌।

प्रेरणा पुंज बनकर चमको,

तुमको जाने संसार सकल।

हे  युवाशक्ति! कर नवसर्जन,

रखना निज राष्ट्र सदा सबल।‌।

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