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वितस्ता विमर्श
हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति व समीक्षा को समर्पित

रचनाकारों, लेखकों, शोधार्थियों के लिए दिशा निर्देश

अहिन्दी भाषा-भाषी क्षेत्र श्रीनगर, जम्मू व कश्मीर से प्रकाशित पूर्व-समीक्षित त्रैमासिक ई-पत्रिका‘वितस्ता विमर्श’ में आपका स्वागत है। एक समय ऐसा था जब कश्मीर से हिंदी भाषा की अनेक पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती थीं जिनका प्रकाशन अब दुर्लभ है। इस कमी को पूरा करने के लिए यह हमारा एक अल्प प्रयास है। कश्मीर की प्राचीन संस्कृति जो शारदा पीठ के नाम से पूरे विश्व में विख्यात थी, शारदा पीठ की उस संस्कृति को पुनः संस्थापित एवं प्रकाश में लाना हमारा देय है। हमारे इस प्रयत्न को सफल एवं सार्थक करें। वितस्ता विमर्श के लिए सात स्तम्भ निर्धारित किए गए हैं- वैचारिक खण्ड, इतिहास/विरासत खण्ड, बदलता कश्मीर, साक्षात्कार खण्ड, विमर्श खण्ड, कविता खण्ड तथा वितस्ता खण्ड। वितस्ता खण्ड इस पत्रिका को सम्पूर्ण भारत की पत्रिकाओं से अलग करता है, जिसमें कश्मीरी भाषा की रचनाओं को अरबी-फारसी लिपि के बजाय देवनागरी लिपि में प्रकाशित किया जाएगा कश्मीर की साँची संस्कृति, विरासत को चरित्रार्थ करना न केवल इस पत्रिका का उद्देश्य है अपितु हिंदीतर प्रान्त कश्मीर जैसे क्षेत्र में हिंदी भाषा और साहित्य को प्राणवान करना इस पत्रिका का लक्ष्य हैयदि आप ‘वितस्ता विमर्श’ के लिए कोई रचना प्रेषित करना चाहते हैं तो निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-

1.     साहित्यिक चोरी जैसी समस्याओं पर विशेष रूप से ध्यान दें। आलेख प्रेषित करने से पहले plagiarism का विशेष ध्यान रखें, मौलिक शोध कार्य की ही स्वीकार्यता है।

2.     रचना/आलेख प्रेषित करते समय यह सत्यापित करें कि रचना/आलेख मौलिक व अप्रकाशित है, यदि रचना/आलेख में इस प्रकार की कोई भी समस्या पाई जाती है तो रचनाकार व लेखक स्वयं इसका ज़िम्मेदार होगा। संपादक व संपादक मंडल के ऊपर इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं रहेगी।  

3.     केवल माइक्रोसॉफ्ट वर्ड सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ही रचना/आलेख प्रेषित करें।

4.     भाषा- हिंदी, फॉण्ट साइज़- 12, सन्दर्भ- एंड नोट (फुट नोट स्वीकार्य नहीं) का विशेष ध्यान रखें।

5.     आलेख या कोई भी रचना पृष्ठ संख्याबद्ध कर न भेजें।

6.     रचना/आलेख ईमेल में संलग्न (attachment) करके भेजें ना कि ईमेल में लिख कर।  

7.     सम्पूर्ण शोध-सामग्री में स्पेसिंग की कोई समस्या न हो अर्थात् विराम के पहले स्पेस न हो।

8.     केवल यूनिकोड हिंदी फॉण्ट का ही प्रयोग करें।

9.     १५००-२००० शब्दों का आलेख हो। शब्द गणना के सन्दर्भ, टेबल और बॉक्स सम्मिलित है। आलेख के भीतर
शीर्षक सुसंगत और तार्किक रूप से क्रमबद्ध होने चाहिए।

10. आलेख के लिए सन्दर्भों में MLA style sheet का ही प्रयोग करें।

11. आलेखों के लिए शोध सार/प्रस्तावना (Abstract) १५०-२५० शब्दों के बीच हो, बीज शब्द (Key Words)
न्यूनतम १० हों।

12. रचनाकार का नाम रचना/आलेख के अंत में इस प्रकार हो- लेखक का नाम, पद, पता, ईमेल, मोबाइल नंबर।

13. वर्तनी की अशुद्धियाँ होने पर आलेख या रचना को बिना किसी सूचना के अस्वीकृत किया जाएगा।

14. पुस्तक समीक्षा प्रेषित करने पर सम्बंधित पुस्तक की फ़ोटो भेजनी आवश्यक है।

15. रचनाकार व शोधार्थी/प्रध्यापक द्वारा रचना प्रेषित करने पर एक पासपोर्ट साइज़ तस्वीर अवश्य भेजें।

16. रचना में व्यक्त विचार रचनाकार के निजी हैं, संपादक व संपादक मंडल का उनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।

17. चयनित आलेखों को पूर्व-समीक्षित सदस्यों को भेज दिया जाता है, जो सामग्री का निरीक्षण कर रचना/आलेख की स्वीकृति का अंतिम निर्णय लेते है।

18. रचना व आलेख के प्रकाशन का निर्णय संपादक तथा संपादक मंडल के पास सुरक्षित है।   

19. आलेख प्रेषित करने से पूर्व संपर्क करें 9682593408 क्योंकि हमारे यहाँ विशेष विषयों से सम्बंधित ही आलेख स्वीकार किए जाते हैं। 

  •     [email protected] पर ही अपनी रचनाएँ या आलेख प्रेषित करें, किसी भी संपादक मंडल सदस्य के ईमेल पर रचना स्वीकार नहीं की जाएगी।

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