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प्रतिध्वनि

-विनय जैन ‘आनन्द’

पहाड़

जो कि बने हैं पत्थर, मिट्टी से

हमारे बोले शब्द

लौटा देते हैं हमें ही

प्रतिध्वनि के रूप में।

घर की दीवारें

जो बनी होती हैं

ईंट, पत्थरों से

ईंट!

जो कि मूलतः मिट्टी ही है

वो भी लौटा देती है

हमारे बोले शब्द

प्रतिध्वनि के रूप में।

कुआँ, बावड़ी

या गहरी गुफ़ाएँ भी

लौटा देते हैं शब्द

प्रतिध्वनि के रूप में।

आख़िर वे भी

मिट्टी और पत्थरों से ही तो बने हैं।

ये जो हम

कड़वे बोल सुनकर

लौटा देतें हैं अक्सर

प्रतिध्वनि के रूप में,

तो सोचता हूँ कि

क्या हम भी बने हैं

ईंट, पत्थर या मिट्टी से ?

-विनय जैन ‘आनन्द’

पालोदा, बांसवाड़ा ( राज. ) 9460245606

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