सूचना : जनवरी -मार्च, अं1, वर्ष 24 जारी किया गया है, अंक निशुल्क डाउनलोड करें… अप्रैल-जून अंक के लिए रचनाएँ  आमंत्रित 

वितस्ता विमर्श

हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति व समीक्षा को समर्पित

वितस्ता विमर्श’ पत्रिका अहिन्दी भाषा-भाषी क्षेत्र श्रीनगर जम्मू व कश्मीर से प्रकाशित होने वाली प्रथम त्रैमासिक ई-पत्रिका है। यह एक पूर्व समीक्षित पत्रिका है
वास्तव में भाषा किसी एक व्यक्ति, समुदाय, क्षेत्र, धर्म की संपत्ति नहीं होती है| भाषा पर सबका समान अधिकार है। भाषा जन की होती है फिर चाहे वह किसी भी प्रान्त या क्षेत्र का क्यों न हो। श्रीनगर कश्मीर जैसे हिंदीतर क्षेत्र में हिंदी भाषा का चलन कम है। यहाँ हिंदी में प्रकाशित होने वाले समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ न के बराबर हैं। वितस्ता विमर्श इस कमी को पूरा करने का एक प्रयास है। इस पत्रिका का उद्देश्य हिंदी भाषा व साहित्य को बढ़ावा देना है तथा हिंदी भाषा व साहित्य के शोधार्थियों, लेखकों, रचनाकारों एवं समीक्षकों के लिए एक मंच सुलभ करना है। 
कश्मीर की संस्कृति विश्वविख्यात है और यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य भी। इस शारदा पीठ की संस्कृति को भारतीय संस्कृति की अखंडता तथा विविधता के साथ प्रस्तुत करना पत्रिका का एक उद्देश्य है। इस पत्रिका में एक विशेष स्तम्भ कश्मीरी भाषा के लिए रखा गया है, जहाँ अरबी-फारसी लिपि के स्थान पर देवनगरी लिपि में कश्मीरी भाषा की रचनाओं को प्रकाशित किया जाएगा।  
हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति व समीक्षा को समर्पित शारदा पीठ की इस पत्रिका की ज़िम्मेदारी आप सुधी पठाकों, कवियों व रचनाकारों की है। आपके सहयोग से ही इस पत्रिका को और बेहतर बनाया जा सकता है। अतः आप से सदैव सहयोग अपेक्षित है। 
 
संस्थापक 
डॉ. मुदस्सिर अहमद भट्ट 
खानागुंड, खाना गुंड, पुलवामा , त्राल  जम्मू व कश्मीर 192123

 विश्व-विख्यात ‘डलझील’ श्रीनगर जम्मू व कश्मीर, भारत